Sanchit Kalra

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मेरी क्लास में कई बच्चे घड़ी बाँधते हैं। वो सब बहुत अमीर घरों के हैं। उनके पास कितने अच्छे-अच्छे स्वेटर हैं। एक के पास तो फाउन्टेन पेन भी है। यह बच्चे इन्टरवल में स्कूल की कैन्टीन से आठ आने की चॉकलेट ख़रीदते हैं (अब भगवती की चाट अच्छी नहीं लगती)। कल क्लास में राकेश कह रहा था उसके डैडी ने कहा है कि वो उसे पढ़ने के लिए इंग्लैंड भेजेंगे। कल मेरे नाना कह रहे थे … अरे कमबख़्त! मैट्रिक पास कर ले तो किसी डाकख़ाने में मोहर लगाने की नौकरी तो मिल जाएगी। इस उम्र में जब बच्चे इंजन ड्राईवर बनने का ख़्वाब देखते हैं, मैंने फ़ैसला कर लिया है कि बड़ा होकर अमीर बनूँगा …
Tarkash (Hindi)
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