Sanchit Kalra

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तुम ये कहतीं तुम वो कहतीं तुम इस बात पे हैराँ होतीं तुम उस बात पे कितनी हँसतीं तुम होतीं तो ऐसा होता तुम होतीं तो वैसा होता धीरे-धीरे मेरे सारे नन्हे लम्हे सो जाएँगे और मैं फिर हौले से उठकर अपनी यादों की झोली कंधे पर रखकर
Tarkash (Hindi)
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