Sanchit Kalra

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एक ये दिन जब लाखों ग़म और काल पड़ा है आँसू का एक वो दिन जब एक ज़रा सी बात पे नदियाँ बहती थीं एक ये घर जिस घर में मेरा साज़ो-सामाँ1 रहता है एक वो घर जिस घर में मेरी बूढ़ी नानी रहती थीं
Tarkash (Hindi)
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