‘‘आप लोग पुराने आदमी हैं, हर बात को सही ढंग से सोचते हैं। पर उधर रामाधीन भीखमखेड़वी और कुछ लोग मामा की जगह किसी दूसरे को लाना चाहते हैं। पता नहीं, वे क्या सोचकर ऐसा कर रहे हैं !’’ गयादीन काँखने लगे। धीरे–से बोले, ‘‘तजुर्बा नहीं है। वे समझते हैं कि कोई दूसरा मैनेजर हो गया तो कुछ करके दिखा देगा, पर कहीं इस तरह से कुछ होता है ?’’