AJAY KUMAR

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हें–हें–हें’’ कहकर प्रिंसिपल ने ऐसा प्रकट किया जैसे वे जान–बूझकर ऐसी मूर्खतापूर्ण बातें कर रहे हों। यह उनका ढंग था, जिसके द्वारा बेवकूफी करते–करते वे अपने श्रोताओं को यह भी जता देते थे कि मैं अपनी बेवकूफी से परिचित हूँ और इसीलिए बेवकूफ नहीं हूँ।
राग दरबारी
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