AJAY KUMAR

29%
Flag icon
मालवीय ने आवाज़ ऊँची करके कहा, ‘‘जी नहीं, बात यह नहीं है, पर हमसे देखा नहीं जाता कि जनता का रुपया इस तरह बरबाद हो। आखिर...’’ गयादीन ने तभी उनकी बात काट दी; उसी तरह धीरे–से बोले, ‘‘फिर आप किस तरह चाहते हैं कि जनता का रुपया बरबाद किया जाए ?
राग दरबारी
Rate this book
Clear rating