AJAY KUMAR

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रुप्पन बाबू काफ़ी देर हँसते रहे। दारोग़ाजी खुश होते रहे कि रुप्पन बाबू एक क़िस्से में ही खुश होकर हँसने लगे हैं, दूसरे की ज़रूरत नहीं पड़ी।
राग दरबारी
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