Prashant Nagpal

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इसके बाद इस तरह की कई घटनाएँ हुईं और ब्राह्मण उम्मीदवार को मालूम हो गया कि पुरुष–ब्रह्म का मुख पुरुष–ब्रह्म के पैर से ज़्यादा दूर नहीं है और संक्षेप में जहाँ मुँह चलता हो और जवाब में लात चलती हो, वहाँ मुँह बहुत देर तक नहीं चल पाता।
राग दरबारी
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