Prashant Nagpal

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फिर वह बौद्ध विहारों को गोपुरम् और गोपुरम् को स्तूप समझने की ग़लती भले ही कर बैठे, नारी-मूर्ति को पुरुष-मूर्ति मानने की भूल नहीं कर सकता।
राग दरबारी
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