Rahul Mahawar

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खन्ना मास्टर ने कुछ स्थानीय खबरें सुनाकर एक वक्तव्य दिया, ‘‘देश रसातल को जा रहा है !’’ स्वयं नीरस और निराशावादी होते हुए भी गयादीन को ये मास्टर काफ़ी दिलचस्प जान पड़ते थे और उनको उनकी हर बात में मूर्खता की बिजली कौंधती हुई नज़र आ रही थी। उन्होंने पूछा, ‘‘यह रसातल है कहाँ ?’’ खन्ना मास्टर इतिहास पढ़ाते थे, उन्हें भूगोल का पता न था। वे इस सवाल से उखड़ गए। जवाब में उन्होंने बुजुर्गों से सुनी हुई एक बात कही, ‘‘कहाँ बताया जाय? सरग, नरग, पाताल, रसातल–सबकुछ हमारे मन ही में है।’’ गयादीन कुछ देर इस दर्शन पर ग़ौर करते रहे। फिर बोले, ‘‘मन ही में है तो परेशानी कैसे ? जाने दो देश को रसातल में। किसी का ...more
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राग दरबारी
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