देसी विश्वविद्यालयों के लड़के अंग्रेज़ी फिल्म देखने जाते हैं। अंग्रेज़ी बातचीत समझ में नहीं आती, फिर भी बेचारे मुस्कराकर दिखाते रहते हैं कि वे सब समझ रहे हैं और फ़िल्म बड़ा मज़ेदार है। नासमझी के माहौल में रंगनाथ भी उसी तरह मुस्कराता रहा। पहलवान कहता रहा, ‘‘गुरू, इस रामसरूप सुपरवाइज़र की नक्शेबाज़ी मैं पहले से देख रहा था। बद्री पहलवान से मैंने तभी कह दिया था कि वस्ताद, यह लखनऊ लासेबाजी की फिराक में जाता है। तब तो बद्री वस्ताद भी कहते रहे कि ‘टाँय–टाँय न कर छोटू, साला आग खायेगा तो अंगार हगेगा।’ अब वह आग भी खा गया और गेहूँ भी तिड़ी कर ले गया। पहले तो बैद महाराज भी छिपाए बैठे रहे, अब जब पानी का हगा
देसी विश्वविद्यालयों के लड़के अंग्रेज़ी फिल्म देखने जाते हैं। अंग्रेज़ी बातचीत समझ में नहीं आती, फिर भी बेचारे मुस्कराकर दिखाते रहते हैं कि वे सब समझ रहे हैं और फ़िल्म बड़ा मज़ेदार है। नासमझी के माहौल में रंगनाथ भी उसी तरह मुस्कराता रहा। पहलवान कहता रहा, ‘‘गुरू, इस रामसरूप सुपरवाइज़र की नक्शेबाज़ी मैं पहले से देख रहा था। बद्री पहलवान से मैंने तभी कह दिया था कि वस्ताद, यह लखनऊ लासेबाजी की फिराक में जाता है। तब तो बद्री वस्ताद भी कहते रहे कि ‘टाँय–टाँय न कर छोटू, साला आग खायेगा तो अंगार हगेगा।’ अब वह आग भी खा गया और गेहूँ भी तिड़ी कर ले गया। पहले तो बैद महाराज भी छिपाए बैठे रहे, अब जब पानी का हगा उतरा आया है तो सब यूनियन के दफ़्तर में बैठकर फुसर–फुसर कर रहे हैं। सुना है प्रस्ताव पास करेंगे। प्रस्ताव न पास करेंगे, पास करेंगे घण्टा। गल्ला–गोदाम का सब गल्ला तो रामसरूप निकाल ले गया। अब जैसे प्रस्ताव पास करके ये उसका कुछ उखाड़ लेंगे।’’ रंगनाथ ने कहा, ‘‘बद्री से तुमने बेकार ही बात की। बैदजी से अपना शुबहा बताते तो वह तभी इस सुपरवाइज़र को यहाँ से हटवा देते।’’ ‘‘अरे गुरू, मुँह न खुलवाओ, बैदजी तुम्हारे मामा हैं, पर हमारे कोई बाप नहीं लगते। सच्ची बात ठाँस दूँगा तो कलेजे में कल्लायेगी, हाँ !’’ सनीचर ने कहा, ‘‘छोटू पहलवान, आज बहुत छानकर चले हो क्या ? बड़ी रंगबाज़ी झाड़ रहे हो।’’ छोटे पहलवान बोले, ‘‘रंगबाज़ी की बात नहीं बेटा, मेरा तो रोआँ–रोआँ सुलग रहा है ! जिस किसी की दुम उठाकर देखो, मादा ही नज़र आता है। बैद महाराज के हाल हमसे न कहलाओ। उनका खाता खुल गया तो भम्भक–जैसा निकल आएगा। मूंदना भी मुश्किल हो जाएगा। यही रामसरूप रोज बैदजी के ही मुँह–में–मुँह डालकर तीन–तेरह की बातें करता था और जब दो ठ...
...more
This highlight has been truncated due to consecutive passage length restrictions.