Rahul Mahawar

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रात रंगनाथ और बद्री छत पर कमरे में लेटे थे और सोने के पहले की बेतरतीब बातें शुरू हो गई थीं। रंगनाथ ने अपनी बात ख़त्म करते हुए कहा, ‘‘पता नहीं चला कि प्रिंसिपल और खन्ना में क्या बात हुई। ड्रिल-मास्टर बाहर खड़ा था। खन्ना मास्टर ने चीख़कर कहा, ‘आपकी यही इन्सानियत है !’ ’’ वह सिर्फ़ इतना ही सुन पाया। बद्री ने जम्हाई लेते हुए कहा, “ प्रिंसिपल ने गाली दी होगी। उसी के जवाब में उसने इन्सानियत की बात कही होगी। यह खन्ना इसी तरह बात करता है। साला बाँगड़ू है।’’ रंगनाथ ने कहा, ‘‘गाली का जवाब तो जूता है।’’ बद्री ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। रंगनाथ ने फिर कहा, ‘‘मैं तो देख रहा हूँ, यहाँ इन्सानियत का ज़िक्र ही ...more
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राग दरबारी
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