‘‘हमारे परदादा का नाम भोलानाथ था। उन्हें बड़ा गुस्सा आता था। नथुने हमेशा फड़का ही करते थे। रोज़ सवेरे उठकर वे पहले अपने बाप से टुर्र-पुर्र करते थे, तब मुँह में पानी डालते थे। टुर्र-पुर्र न होती तो उनका पेट गड़गड़ाया करता।’’ छोटे पहलवान की बातों से अतीत का मोह टपकता था। उनके किस्से सुनते ही उन्नीसवीं सदी के किसी गाँव की तस्वीर सामने आ जाती थी, जिसमें गाय–बैलों से भरे–पूरे दरवाजे़ पर, गोबर और मूत की ठोस खुशबू के बीच, नीम की छाँव तले, जिस्म पर टपकी हुई लसलसी निमकौड़ियाँ झाड़ते हुए दो महापुरुष नंगे बदन अपनी–अपनी चारपाइयों से उठ बैठते थे और उठते ही एक–दूसरे को देर तक सोते रहने के लिए गाली देने लगते
‘‘हमारे परदादा का नाम भोलानाथ था। उन्हें बड़ा गुस्सा आता था। नथुने हमेशा फड़का ही करते थे। रोज़ सवेरे उठकर वे पहले अपने बाप से टुर्र-पुर्र करते थे, तब मुँह में पानी डालते थे। टुर्र-पुर्र न होती तो उनका पेट गड़गड़ाया करता।’’ छोटे पहलवान की बातों से अतीत का मोह टपकता था। उनके किस्से सुनते ही उन्नीसवीं सदी के किसी गाँव की तस्वीर सामने आ जाती थी, जिसमें गाय–बैलों से भरे–पूरे दरवाजे़ पर, गोबर और मूत की ठोस खुशबू के बीच, नीम की छाँव तले, जिस्म पर टपकी हुई लसलसी निमकौड़ियाँ झाड़ते हुए दो महापुरुष नंगे बदन अपनी–अपनी चारपाइयों से उठ बैठते थे और उठते ही एक–दूसरे को देर तक सोते रहने के लिए गाली देने लगते थे। दो में एक बाप होता था, एक बेटा। फिर दोनों एक–दूसरे को ज़मीन में ज़िन्दा गाड़ देने की बात करते हुए अपनी–अपनी चारपाइयाँ छोड़ देते और मुख्य विषय से दूर जाकर, दो–चार अनर्गल बातें कहकर, अपने–अपने काम में लग जाते। एक बैलों की पूँछ उमेठता हुआ अपने खेतों की ओर चला जाता, दूसरा भैंस चराने के लिए दूसरों के खेतों की ओर चला जाता। छोटे पहलवान इसी तरह का कोई किस्सा खत्म करके बाद में कहते, ‘‘अपने बाप के मर जाने पर बाबा भोलानाथ बहुत दुखी हुए...।’’ छोटे पहलवान ये बातें शेखी बघारने के लिए नहीं करते थे। ये बिलकुल सच थीं। उनका खानदान ही ऐसा था। उनके यहाँ बाप–बेटे में हमेशा से बड़ा घनिष्ठ सम्बन्ध चला आ रहा था। प्रेम करना होता तो एक–दूसरे से प्रेम करते, लाठी चलाना होता तो एक–दूसरे पर लाठी चलाते। जो भी अच्छा–बुरा गुण उनके हाथ में था उसकी आज़माइश एक–दूसरे पर ही किया करते। बाबा भोलानाथ अपने बाप के मर जाने पर सचमुच ही बहुत दुखी हुए। उनके जीवन में एक रीतापन आ गया। उनके न रहने पर सवेरे से ही किसी से झगड़ा कर...
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