उन्हाेंने देखा कि प्रजातन्त्र उनके तख़्त के पास ज़मीन पर पंजों के बल बैठा है। उसने हाथ जोड़ रखे हैं। उसकी शक्ल हलवाहों–जैसी है और अंग्रेज़ी तो अंग्रेज़ी, वह शुद्ध हिन्दी भी नहीं बोल पा रहा है। फिर भी वह गिड़गिड़ा रहा है और वैद्यजी उसका गिड़गिड़ाना सुन रहे हैं। वैद्यजी उसे बार–बार तख्त पर बैठने के लिए कहते हैं और समझाते हैं कि तुम ग़रीब हो तो क्या हुआ, हो तो हमारे रिश्तेदार ही, पर प्रजातन्त्र उन्हें बार–बार हुजूर और सरकार कहकर पुकारता है। बहुत समझाने पर प्रजातन्त्र उठकर उनके तख़्त के कोने पर आ जाता है और जब उसे इतनी सान्त्वना मिल जाती है कि वह मुँह से कोई तुक की बात निकाल सके, तो वह वैद्यजी से
उन्हाेंने देखा कि प्रजातन्त्र उनके तख़्त के पास ज़मीन पर पंजों के बल बैठा है। उसने हाथ जोड़ रखे हैं। उसकी शक्ल हलवाहों–जैसी है और अंग्रेज़ी तो अंग्रेज़ी, वह शुद्ध हिन्दी भी नहीं बोल पा रहा है। फिर भी वह गिड़गिड़ा रहा है और वैद्यजी उसका गिड़गिड़ाना सुन रहे हैं। वैद्यजी उसे बार–बार तख्त पर बैठने के लिए कहते हैं और समझाते हैं कि तुम ग़रीब हो तो क्या हुआ, हो तो हमारे रिश्तेदार ही, पर प्रजातन्त्र उन्हें बार–बार हुजूर और सरकार कहकर पुकारता है। बहुत समझाने पर प्रजातन्त्र उठकर उनके तख़्त के कोने पर आ जाता है और जब उसे इतनी सान्त्वना मिल जाती है कि वह मुँह से कोई तुक की बात निकाल सके, तो वह वैद्यजी से प्रार्थना करता है मेरे कपड़े फट गए हैं, मैं नंगा हो रहा हूँ। इस हालत में मुझे किसी के सामने निकलते हुए शर्म लगती है, इसलिए, हे वैद्य महाराज, मुझे एक साफ़-सुथरी धोती पहनने को दे दो। वैद्यजी बद्री पहलवान को अन्दर से एक धोती लाने के लिए कहते हैं; पर प्रजातन्त्र इनकार में सिर हिलाने लगता है। वह बताता है कि मैं आपके कॉलिज का प्रजातन्त्र हूँ और आपने यहाँ की सालाना बैठक बरसों से नहीं बुलायी है। मैनेजर का चुनाव कॉलिज खुलने के दिन से आज तक नहीं हुआ है। इन दिनों कॉलिज में हर चीज़ फल–फूल रही है, पर सिर्फ़ मैं ही एक कोने में पड़ा हुआ हूँ। एक बार क़ायदे से आप चुनाव करा दें। उसमें मेरे जिस्म पर एक नया कपड़ा आ जाएगा। मेरी शर्म ढँक जाएगी। यह कहकर प्रजातन्त्र बैठक के बाहर चला गया और वैद्यजी की नींद दोबारा उचट गई। जागते ही उन्होंने अपनी आन्तरिक क्रान्ति का एक ताजा विस्फोट लिहाफ के अन्दर पैताने की ओर सुना और एकदम तय किया कि देखने में चाहे कितना बाँगड़ू लगे, पर प्रजातन्त्र भला आदमी है और अपना आदमी है, और...
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