‘‘बाबू रंगनाथ, मैं गाँव का आदमी, ऊपर से बाँभन, और फिर ऐक्स ज़मींदार, बनर्जी का यह पाखंड सुनकर मेरी देह सुलग गई। तबीयत में आया कि उसकी गरदन पकड़कर इतने ज़ोर से झुलाऊँ कि विमान का असली मतलब टप्–से हलक़ के बाहर निकल पड़े। तब तक बनर्जी ने कहा कि ‘विद्यार्थियो, विमान का असली अर्थ यह नहीं था जो भण्डारकर समझते थे या तुम समझते हो। विमान का असली अर्थ कुछ और ही है।’ ‘‘आख़िर में बनर्जी एकाएक जोश में आकर बोले, ‘विमान का अर्थ है–सतमंज़िला महल ! नोट कर लो !’ ‘‘सन्नाटा छा गया, रंगनाथ, मुझे भी अपनी क़ाबलियत का जोश। वहीं लौंडहाई कर बैठा। मैंने खड़े होकर कहा कि प्रोफ़ेसर साहब, विमान का यह अर्थ तो संस्कृत के सभी
‘‘बाबू रंगनाथ, मैं गाँव का आदमी, ऊपर से बाँभन, और फिर ऐक्स ज़मींदार, बनर्जी का यह पाखंड सुनकर मेरी देह सुलग गई। तबीयत में आया कि उसकी गरदन पकड़कर इतने ज़ोर से झुलाऊँ कि विमान का असली मतलब टप्–से हलक़ के बाहर निकल पड़े। तब तक बनर्जी ने कहा कि ‘विद्यार्थियो, विमान का असली अर्थ यह नहीं था जो भण्डारकर समझते थे या तुम समझते हो। विमान का असली अर्थ कुछ और ही है।’ ‘‘आख़िर में बनर्जी एकाएक जोश में आकर बोले, ‘विमान का अर्थ है–सतमंज़िला महल ! नोट कर लो !’ ‘‘सन्नाटा छा गया, रंगनाथ, मुझे भी अपनी क़ाबलियत का जोश। वहीं लौंडहाई कर बैठा। मैंने खड़े होकर कहा कि प्रोफ़ेसर साहब, विमान का यह अर्थ तो संस्कृत के सभी पण्डित जानते हैं। इसमें इतनी रिसर्च की क्या ज़रूरत है !’ ‘‘यह सुनते ही प्रोफ़ेसर ने मुझे ग़ौर से देखा और बोले, ‘ठीक है। आपको रिसर्च किये बिना ही मालूम हो गया होगा। पर बताइए तो श्रीमन् ! आपने विमान का यह अर्थ कहाँ से ढूँढ़ा ?’ ‘‘रंगनाथ बाबू, लौंडहाई की बात। मैंने भी एक लैक्चर फटकार दिया। संस्कृत के दस ग्रन्थों के नाम उन्हें ताबड़तोड़ सुना दिए। ‘मेघदूत’–जैसी चालू किताब का भी हवाला दे मारा और दोबारा कहा कि विमान का यह अर्थ तो सभी को मालूम है, ताज्जुब है कि उसके पीछे आप लोगों को इतनी मेहनत करनी पड़ी। ‘‘जानते हो रंगनाथ बाबू, इसका क्या नतीजा हुआ ? ‘‘नतीजा यह हुआ कि प्रोफ़ेसर बनर्जी मुझसे उखड़ गए। बोले, ‘आप बड़े विद्वान् जान पड़ते हैं। मैं तो एक अदना यूनिवर्सिटी का अदना प्रोफ़ेसर हूँ।’ मन में आया कि कहूँ कि मेरे बारे में आप ग़लत कह रहे हैं और अपने बारे में सही, पर उनका गुस्सा देखकर चुप रह गया। उन्होंने फिर कहा, ‘मैं तो हर बात के लिए रिसर्च करता हूँ। आपकी–जैसी योग्यता मुझमें कहाँ कि इन प्रश्न...
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