सनीचर जब इन इक्केवालों के पास आया, उसके दिमाग में ये सामाजिक-आर्थिक समस्याएँ नहीं थीं। उस समय उसे अपने चुनाव की चिन्ता थी जो कि वोट माँगनेवालों और वोट देनेवालों के बीच पारस्परिक व्यवहार का एकमात्र माध्यम है। इसलिए उसने इन दोनों को बिना किसी प्रस्तावना के बताया कि मैंने प्रधानी का पर्चा दाख़िल किया है और अपना भला चाहते हो तो मुझे ही वोट देना। एक इक्केवाले ने उसे ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर तक देखा और स्वगत–शैली में कहा, ‘‘ये प्रधान बनेंगे। देह पर नहीं लत्ता, पान खायँ अलबत्ता।’’ वोट की भिक्षा बड़े–बड़े नेताओं तक को विनम्र बना देती है। सनीचर तो सनीचर था। यह सुनते ही उसकी हेकड़ी ढीली पड़ गई और
सनीचर जब इन इक्केवालों के पास आया, उसके दिमाग में ये सामाजिक-आर्थिक समस्याएँ नहीं थीं। उस समय उसे अपने चुनाव की चिन्ता थी जो कि वोट माँगनेवालों और वोट देनेवालों के बीच पारस्परिक व्यवहार का एकमात्र माध्यम है। इसलिए उसने इन दोनों को बिना किसी प्रस्तावना के बताया कि मैंने प्रधानी का पर्चा दाख़िल किया है और अपना भला चाहते हो तो मुझे ही वोट देना। एक इक्केवाले ने उसे ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर तक देखा और स्वगत–शैली में कहा, ‘‘ये प्रधान बनेंगे। देह पर नहीं लत्ता, पान खायँ अलबत्ता।’’ वोट की भिक्षा बड़े–बड़े नेताओं तक को विनम्र बना देती है। सनीचर तो सनीचर था। यह सुनते ही उसकी हेकड़ी ढीली पड़ गई और खीसें निकल आईं। बोला, ‘‘अरे भाई, हम तो नाम–भर के प्रधान होंगे। असली प्रधान तो तुम बैद महाराज को समझो। बस, यही जानकर चलो कि तुम अपना वोट बैदजी को दे रहे हो। समझ लो कि खुद बैदजी तुमसे वोट की भीख माँग रहे हैं।’’ इक्केवालों ने एक–दूसरे की ओर देखा और चुप्पी साध ली। सनीचर ने कहा, ‘‘बोलो भाई, क्या कहते हो ?’’ ‘‘कहना क्या है ?’’ दूसरे ने जवाब दिया, ‘‘जब बैदजी वोट की भीख माँग रहे हैं तो मना कौन कर सकता है ! हमें कौन वोट का अचार डालना है ! ले जाएँ। बैदजी ही ले जाएँ।’’ पहले इक्केवाले ने भी उत्साह से कहा, ‘‘वोट साला कौन छप्पन टके की चीज़ है ! कोई भी ले जाय।’’ दूसरे इक्केवाले ने प्रतिवाद किया, ‘‘कोई कैसे ले जाएगा ? पहली बार बैदजी ने हमसे एक चीज़ माँगी है तो बैदजी को ही मिलेगी। ले जाएँ।’’ सनीचर ने कहा, ‘‘तो बात पक्की रही ?’’ उन्होंने एक साथ इसका उत्तर दिया जिसका सारांश यह था कि मर्द की बात हमेशा पक्की होती है और वैसे तो वे कुछ देने लायक़ नहीं हैं, पर जब बैदजी कोई चीज़ माँग रहे हैं तो ‘नहीं’ कहना बड़ा क...
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