Rahul Mahawar

40%
Flag icon
उसी दिन शाम के वक़्त रंगनाथ और रुप्पन बाबू गयादीन के पास चुनाव के बारे में उनका विचार जानने के लिए भेजे गए। गयादीन कॉलिज के वाइस-प्रेसिडेण्ट होने के नाते इस समय काफ़ी महत्त्वपूर्ण थे और यह जानना ज़रूरी था कि वे किसको मैनेजर बनाना चाहते हैं और यदि वे वैद्यजी के पक्ष में न हों तो यह भी ज़रूरी था कि किसी तरकीब से उनका हृदय–परिवर्तन किया जाए। रुप्पन बाबू और रंगनाथ प्रारम्भिक वार्ता चालू करने के विचार से उनके पास गए थे। पर गयादीन ने शुरू में ही पूरी बात आसान कर दी। उन्होंने इन दोनों को कायदे से चारपाई पर बैठाया, रंगनाथ से शहरी तालीम के बारे में दो–चार बातें पूछीं, उन्हें शुद्ध घी में बनी हुई मठरी ...more
This highlight has been truncated due to consecutive passage length restrictions.
राग दरबारी
Rate this book
Clear rating