‘‘तो उनका एक शाहज़ादा था। नवाब साहब का। हाँ, हाँ, वही किस्सा सुना रहा हूँ। एक बार वह बेचारा बीमार पड़ गया। बुख़ार था, पर ठीक न होता था। महीनों चला। बड़ी–बड़ी क़ीमती दवाएँ दी गईं। सभी बैद, हकीम, डॉक्टर परेशान। करोड़ों रुपया नाली के रास्ते बह गया। पर शाहज़ादा वैसे–का–वैसा। ‘‘नवाब साहब सिर पीटने लगे। चारों तरफ़ उन्होंने ऐलान कराया कि कोई आधी रियासत ले ले, शाहज़ादी से शादी कर ले, पर किसी तरह शाहज़ादे को चंगा कर दे। तब बड़ी–बड़ी दूर से हकीम लोग आने लगे। बड़ी–बड़ी कोशिशें कीं, पर शाहज़ादे ने आँख न खोली। ‘‘अन्त में एक बुजुर्ग हकीम आए। शाहज़ादे को देखकर बोले, ‘जहाँपनाह, आधी रियासत और शाहज़ादी देने से
‘‘तो उनका एक शाहज़ादा था। नवाब साहब का। हाँ, हाँ, वही किस्सा सुना रहा हूँ। एक बार वह बेचारा बीमार पड़ गया। बुख़ार था, पर ठीक न होता था। महीनों चला। बड़ी–बड़ी क़ीमती दवाएँ दी गईं। सभी बैद, हकीम, डॉक्टर परेशान। करोड़ों रुपया नाली के रास्ते बह गया। पर शाहज़ादा वैसे–का–वैसा। ‘‘नवाब साहब सिर पीटने लगे। चारों तरफ़ उन्होंने ऐलान कराया कि कोई आधी रियासत ले ले, शाहज़ादी से शादी कर ले, पर किसी तरह शाहज़ादे को चंगा कर दे। तब बड़ी–बड़ी दूर से हकीम लोग आने लगे। बड़ी–बड़ी कोशिशें कीं, पर शाहज़ादे ने आँख न खोली। ‘‘अन्त में एक बुजुर्ग हकीम आए। शाहज़ादे को देखकर बोले, ‘जहाँपनाह, आधी रियासत और शाहज़ादी देने से काम न चलेगा। मुझे इस ऐशोआराम की ज़रूरत भी नहीं। मेरी तो बस एक दरख़्वास्त मान ली जाय, फिर शाहज़ादे को चंगा कर देने का जिम्मा हमारा। दरख़्वास्त पेश करने के लिए तख़लिया चाहिए।’ ‘‘जब सब दरबारी भगा दिए गए तो हकीम ने कहा, ‘बन्दापरवर, अब बेगम साहिबा मेरे सामने आकर बात करें और उनसे जो पूछा जाय, उसका वे सही–सही जवाब दें।’ ‘‘नवाब साहब भी वहाँ से हट गए। बेगम साहिबा हकीम के सामने पेश की गईं। हकीम ने उन्हें कड़ी निगाह से देखा और कहा, ‘देखिए बेगम साहिबा, अगर शाहज़ादे की जान प्यारी हो तो साफ़-साफ़ बताइए, यह शाहज़ादा किसका लड़का है ? किसके नुत्फ़े से पैदा हुआ है ?’ ‘‘बेगम साहिबा आँसू बहाने लगीं। बोलीं, ‘आप किसी से कहिएगा नहीं। पर असलियत यही है कि शाहज़ादा महल में काम करनेवाले एक भिश्ती का लड़का है। मुआ ताज़ा–ताज़ा दिहात से आया था, और मालूम नहीं कि कैसे क्या हुआ कि...।’ ‘‘इतना सुनते ही हकीम ने कहा, ‘शुक्रिया ! अब और कुछ बताने की ज़रूरत नहीं।’ उसने चुटकी बजायी और इत्मीनान से कहा, ‘बात–की–बात में मैं अब...
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