रंगनाथ को यह खेल फिसड्डी–जैसा मालूम पड़ा, बिलकुल भंग के नशे–जैसा, पर जब उसने दूसरे गुट का निरीक्षण किया तो उसकी धारणा शिवपालगंज के जुए के बारे में बिलकुल ही बदल गई। वे फ़्लैश खेल रहे थे, जो लैंटर्न को ‘लालटेन’ बतानेवाले नियम से यहाँ फल्लास बन गया था। खेल बड़े घमासान का चल रहा था। एक तरफ़ ब्लफ़ का स्वयं–चालित अस्त्र हत्याकाण्ड मचाए हुए था। दूसरी ओर शुद्ध देशी चाल से एक खिलाड़ी बढ़ रहा था। अचानक उसकी अक़्ल का हाथी घबराकर इधर–उधर भागने लगा और मालिक को नीचे फेंककर उसे कुचलने के लिए टाँग उठाकर खड़ा हो गया। उसने पत्ते फेंक दिए और उधर मुट्ठी–भर पैसे फड़ से बटोरकर दूसरे खिलाड़ी ने अपनी जाँघ के नीचे
रंगनाथ को यह खेल फिसड्डी–जैसा मालूम पड़ा, बिलकुल भंग के नशे–जैसा, पर जब उसने दूसरे गुट का निरीक्षण किया तो उसकी धारणा शिवपालगंज के जुए के बारे में बिलकुल ही बदल गई। वे फ़्लैश खेल रहे थे, जो लैंटर्न को ‘लालटेन’ बतानेवाले नियम से यहाँ फल्लास बन गया था। खेल बड़े घमासान का चल रहा था। एक तरफ़ ब्लफ़ का स्वयं–चालित अस्त्र हत्याकाण्ड मचाए हुए था। दूसरी ओर शुद्ध देशी चाल से एक खिलाड़ी बढ़ रहा था। अचानक उसकी अक़्ल का हाथी घबराकर इधर–उधर भागने लगा और मालिक को नीचे फेंककर उसे कुचलने के लिए टाँग उठाकर खड़ा हो गया। उसने पत्ते फेंक दिए और उधर मुट्ठी–भर पैसे फड़ से बटोरकर दूसरे खिलाड़ी ने अपनी जाँघ के नीचे दबा लिये। हारे हुए खिलाड़ी ने, जिसे दो दिन पहले रंगनाथ ने वैद्यजी के घर पर आठ आने फ़ी दिन की मज़दूरी पर काम करते हुए देखा था, बिना किसी शिकन या खीज के एक बीड़ी सुलगा दी और दूसरी बाज़ी के बँटते हुए पत्तों को बिना दिलचस्पी के देखने लगा। रंगनाथ ने उसके धैर्य और साहस की मन–ही–मन सराहना की। दत्तात्रेय ज़िन्दा होते तो इसे अपना पच्चीसवाँ गुरु बनाते, उसने सोचा। उसका मत्था उस खिलाड़ी की निर्विकारता पर आदर के साथ–और सच पूछा जाय तो उसके पत्तों को झाँककर देखने के मतलब से–नीचे झुक गया। उन लोगों की अपनी एक भाषा थी। वे पेयर को ‘जोड़’ कहते थे। फ़्लश को ‘लँगड़ी’, रन् को ‘दौड़’, रनिंग फ़्लश को ‘पक्की’ और ट्रेल को ‘टिर्रैल’। उसने सोचा : अंग्रेज़ी शब्दों को हिन्दी में ढालने की समस्या का सही जवाब यही है। देश में पेशेवर कोशकारों और उनकी समितियों का जाल बिछा है जो अंग्रेज़ी शब्दों के लिए हिन्दी और दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं के शब्द रच रहे हैं। यह काम काफ़ी दिलचस्प है क्योंकि एक ओर कमरे के भीतर एक नयी भाषा का निर्...
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