गाँव में मजबूरी नहीं तो और क्या मिलेगा ?’’ गयादीन ने उदासी से कहा। वे हुमसकर धीरे–से बैठ गए थे। चारपाई चरमरायी, पर आज उन्होंने उसके साथ कोई मुरव्वत नहीं की। वे हुमसे हुए बैठे रहे। काँखते हुए बोले, ‘‘रंगनाथ बाबू, तुम शहर के आदमी हो। शहर में हर बात का जवाब होता है। मान लो कोई आदमी मोटर से कुचल जाय, तो कुचला हुआ आदमी अस्पताल में पहुँच जाएगा। अस्पताल में डॉक्टर बदमाशी करे तो उसकी शिकायत हो जाएगी। शिकायत सुननेवाला चुप बैठा रहे तो दस–पाँच लफंगे मिलकर जुलूस निकाल देंगे। उस पर कोई लाठी चला दे तो लोग जाँच बैठलवा देंगे। तो वहाँ हर बात की काट आसानी से निकल आती है। इसीलिए वहाँ मजबूरी की मार नहीं जान
गाँव में मजबूरी नहीं तो और क्या मिलेगा ?’’ गयादीन ने उदासी से कहा। वे हुमसकर धीरे–से बैठ गए थे। चारपाई चरमरायी, पर आज उन्होंने उसके साथ कोई मुरव्वत नहीं की। वे हुमसे हुए बैठे रहे। काँखते हुए बोले, ‘‘रंगनाथ बाबू, तुम शहर के आदमी हो। शहर में हर बात का जवाब होता है। मान लो कोई आदमी मोटर से कुचल जाय, तो कुचला हुआ आदमी अस्पताल में पहुँच जाएगा। अस्पताल में डॉक्टर बदमाशी करे तो उसकी शिकायत हो जाएगी। शिकायत सुननेवाला चुप बैठा रहे तो दस–पाँच लफंगे मिलकर जुलूस निकाल देंगे। उस पर कोई लाठी चला दे तो लोग जाँच बैठलवा देंगे। तो वहाँ हर बात की काट आसानी से निकल आती है। इसीलिए वहाँ मजबूरी की मार नहीं जान पड़ती। और अगर कभी मजबूरी हो जाय तो आदमी के पास उसकी भी काट है। आसानी से वह फाँसी लगाकर मर जाता है और दूसरे दिन उसका नाम अखबार में छप जाता है। लोग जान जाते हैं कि वह मजबूरी से मरा था, फिर कुछ दिनों तक अखबारों में मजबूरी की बात चलती रहती है। और समझ लो, यह भी मजबूरी की एक काट ही है।’’ रंगनाथ के मुँह की ओर देखकर उस पर दया–सी दिखाते हुए गयादीन ने कहा, ‘‘मैं शहर के बारे में ये सबकुछ जानता हूँ। नौजवानी के दिनों में मैं कलकत्ते में रह चुका हूँ।’’ खन्ना मास्टर ने कुछ कहने के लिए मुँह खोला, पर गयादीन ने टोककर कहा, ‘‘और यहाँ गाँव में क्या है ? कोई मोटर से कुचल जाए तो मोटरवाला रफूचक्कर हो जाएगा। कुचला हुआ आदमी कुत्ते की तरह पड़ा रहेगा। अगर कहीं अस्पताल हुआ तो दो–चार दिन में मरते–मरते पहुँच जाएगा। अस्पताल में अगर कोई डॉक्टर हुआ भी तो पानी की बोतल पकड़ाकर कहेगा कि लो भाई, राम का नाम लेकर पी जाओ। राम का नाम तो लेंगे ही, क्योंकि उनके पास देने के लिए दवा ही नहीं होगी। होगी भी तो, चुराकर बेचने के लिए पहले ह...
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