Suyash Singh

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तेरी मसरूफ़ियतहम जानते हैं मगर मौसमसुहानाहो चुका है   मोहब्बत में ज़रूरी हैंवफ़ाएं यह नुस्ख़ाअबपुरानाहो चुका है   चलो अबहिज्र का भी हम मज़ा लें बहुत मिलनामिलानाहो चुकाहै   हज़राें सूरतें राेशन हैं दिल में यह दिल आईना ख़ाना हो चुकाहै
नाराज़
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