यहां कब थी जहां ले आई दुनिया यह दुनिया को कहां ले आई दुनिया ज़मीं को आसमानों से मिला कर ज़मीं आसमां ले आई दुनिया मैं ख़ुद से बात करना चाहता था ख़ुदा को दरमियां ले आई दुनिया चिराग़ों की लवें1 सहमी हुई हैं सुना है आंधियां ले आई दुनिया जहां मैं था वहां दुनिया कहां थी वहां मैं हूं जहां ले आई दुनिया तवक़्क़ो2 हमने की थी शाखे - गुल की मगर तीरो कमां ले आई दुनिया