Suyash Singh

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ख़ाली ख़ाली उदास उदास आंखें इन में कुछ ख़्वाब पाल रक्खा करो   फिर वह चाकू चला नहीं सकता हाथ गर्दन में डाल रक्खा करो   लाख सूरज से दोस्ताना हो चन्द जुगनू भी पाल रक्खा करो
नाराज़
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