चरागों को उछाला जा रहा है हवा पे रोब डाला जा रहा है न हार अपनी न अपनी जीत होगी मगर सिक्का उछाला जा रहा है वह देखो मयक़दे के रास्ते में कोई अल्लाह वाला जा रहा है थे पहले ही कई सांप आस्तीं में अब एक बिच्छू भी पाला जा रहा है मेरे झूठे गिलासों की चखा कर बेहकतों को संभाला जा रहा है हमीं बुनियाद का पत्थर हैं लेकिन हमें घर से निकाला जा रहा है जनाज़े पर मेरे लिख देना यारों मुहब्बत करने वाला जा रहा है