Suyash Singh

13%
Flag icon
हमारी , शहर के दानिश्वरों1 से यारी है इसी लिए तो क़बा तार तार रहती है   मुझे ख़रीदने वालों ! क़तार में आओ वह चीज़ हूँ जो पस - ए - इश्तेहार2 रहती है
नाराज़
Rate this book
Clear rating