Alok

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मैं ख़ुदअपनेआप ही में बन्द था मुद्दतों के बाद ये मुझ पर खुला   उम्र भरकी नींद पूरी हो चुकी तककहीं जाकर मेरा बिस्तर खुला
नाराज़
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