Alok

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तुम ने ख़ुद ही सर चढ़ाई थी सो अब चक्खो मज़ा मैं ना कहता था , कि दुनिया दर्द - ए - सर हो जाएगी   तलख़ियां भी लाज़मी हैं ज़िन्दगी के वास्ते इतना मीठा बन के मत रहिये शकर हो जाएगी
नाराज़
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