Karan Kumar

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ग़ैब से कोई भी आवाज़ नहीं आई किसी की, ना ख़ुदा की-ना पुलिस की!! सब के सब भूने गये आग में, और भस्म हुये। मौजज़ा कोई भी उस शब ना हुआ!!
रात पश्मीने की
by Gulzar
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