Shardul Kulkarni

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वो सारा इल्म तो मिलता रहेगा बाद में भी मगर वो जो किताबों में मिला करते थे सूखे फूल और महके हुए रुक़्के किताबें मांगने, गिरने, उठाने के बहाने रिश्ते बनते थे उनका क्या होगा? वो शायद अब नहीं होंगे!
Shardul Kulkarni
I am reading it on kindle . Ironical ,eh?
रात पश्मीने की
by Gulzar
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