Neeraj Chavan

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जब जब पतझड़ में पेड़ों से पीले पीले पत्ते मेरे लॉन में आ कर गिरते हैं— रात को छत पर जा कर मैं आकाश को तकता रहता हूँ— लगता है कमज़ोर सा पीला चाँद भी शायद, पीपल के सूखे पत्ते सा, लहराता लहराता मेरे लॉन में आ कर उतरेगा!!
रात पश्मीने की
by Gulzar
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