Neeraj Chavan

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हवास का जहान साथ ले गया वह सारे बादबान साथ ले गया बताएं क्या, वो आफ़ताब था कोई गया तो आसमान साथ ले गया किताब बन्द की और उठ के चल दिया तमाम दास्तान साथ ले गया वो बेपनाह प्यार करता था मुझे गया तो मेरी जान साथ ले गया मैं सजदे से उठा तो कोई भी न था वो पांव के निशान साथ ले गया सिरे उधड़ गये है, सुबह-ओ-शाम के वो मेरे दो जहान साथ ले गया
रात पश्मीने की
by Gulzar
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