Onkar Thakur

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मैं तेरे दर्दों को दोबारा से जीने के लिये, रोज़ दोहराता उन्हें, रोज़ ‘रि-वाइन्ड’ करता, वो जो बरसों में जिया था, उसे हर शब जीता!!
रात पश्मीने की
by Gulzar
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