Onkar Thakur

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बे लगाम उड़ती हैं कुछ ख़्वाहिशें ऐसे दिल में ‘मेक्सीकन’ फ़िल्मों में कुछ दौड़ते घोड़े जैसे। थान पर बाँधी नहीं जातीं सभी ख़्वाहिशें मुझ से।
रात पश्मीने की
by Gulzar
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