Onkar Thakur

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कुछ मेरे यार थे रहते थे मेरे साथ हमेशा कोई आया था, उन्हें ले के गया, फिर नहीं लौटे शेल्फ़ से निकली किताबों की जगह ख़ाली पड़ी है
रात पश्मीने की
by Gulzar
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