Onkar Thakur

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सफ़ेदा चील इक सूखे हुए से पेड़ पर बैठी पहाड़ों को सुनाती है पुरानी दास्तानें ऊँचे पेड़ों की, जिन्हें इस पस्त क़द इन्साँ ने काटा है, गिराया है, कई टुकड़े किये हैं और जलाया है!!
रात पश्मीने की
by Gulzar
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