Sourav Kumar

31%
Flag icon
इस नदी की धार में ठंडी हवा आती तो है, नाव जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो है। एक चिनगारी कहीं से ढूँढ़ लाओ दोस्तो, इस दीये में तेल से भीगी हुई बाती तो है।
साये में धूप [Saaye Mein Dhoop]
Rate this book
Clear rating