Rahul

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अखंड सावधान असावे। दुश्चित्त कदापि नसावे। तजवीजा करीत बैसावे। एकांत स्थळी।। काही उग्रस्थिती सांडावी। काही सौम्यता धरावी। चिंता लागावी पराची। अंतर्यामी।। मागील अपराध क्षमावे। कारभारी हाती धरावे। सुखी करूनी धाडावे। कामावरी।।’’
छावा
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