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Kindle Notes & Highlights
डिवोर्स कोर्ट में आने से पहले ही हो चुका होता है। हम तो बस सरकारी स्टैम्प लगाने में और हिसाब-किताब करने में मदद करते हैं।”
हम सभी अपने-अपने हिस्से की अधूरी बातों के साथ ही एक दिन यूँ ही मर जाएँगे।
“जब भी confusion हो कि ये काम करना चाहिए या नहीं करना चाहिए या फिर कोई बात बोलनी चाहिए या नहीं बोलनी चाहिए तो बस, बिना ज्यादा कुछ सोचे वो काम कर के देख लेना चाहिए। वो बात बोल के देख लेनी चाहिए। लाइफ बहुत आसान हो जाती है।
मजाक तो बंदा प्यार में पड़ते ही बन जाता है।
“दिन भर ‘लव यू’ बोलना प्यार करने जितना आसान होता तो क्या बात थी।
पूरी जिंदगी पता नहीं क्या कमाने की फिक्र में हम समझ ही नहीं पाते कि बचाना क्या है और बेचना क्या।
थोड़ा अजीब है लेकिन समंदर जितना बेचैन होता है हम उसके पास पहुँचकर उतना ही शांत हो जाते हैं। यही जिंदगी का हाल है पूरा बेचैन हुए बिना जैसे शांति मिल ही नहीं सकती।
चंदर और सुधा की बातें वैसी होती जा रही थीं जैसी एक स्टेज के बाद हो जाती हैं। जब बातों का कोई मतलब नहीं रह जाता, जब बातें बात बढ़ाने के लिए नहीं बस वक्त बढ़ाने के लिए की जाती हैं। दुनिया ने सालों से नयी बातें ढूँढ़ी नहीं है। बस हर बार बातें करने वाले लोग नए हो जाते हैं। इस दुनिया में जो कुछ भी महसूस करने लायक है उसे इस दुनिया के पहले आदमी औरत ने महसूस किया था और इस दुनिया के आखिरी आदमी औरत महसूस करेंगे। जिंदगी एक ऐसा राज़ है जो बिना जाने हर जेनेरेशन बस आगे बढ़ाते चले जाती है।
“आज के दिन के लिए मैंने न जाने कितने सालों से मेहनत की थी। जब आज वो मिल गया तो कुछ फील नहीं आ रहा। हमें जो कुछ भी मिल जाता है वो मिट्टी हो जाता है।”
इत्मीनान से बैठकर अपनी यादों को दोहराने से बड़ा कोई सुख नहीं है।
“हम लोग पैदा क्यूँ होते हैं? पैदा भी हो जाते हैं तो जिंदा क्यूँ रहते हैं?” “हम सब लोग बस अपनी बोरियत मिटाने के लिए जिंदा हैं। जिस दिन बोरियत मिटाते-मिटाते हम थक जाते हैं उस दिन हम मर जाते हैं। लाइफ की सबसे अच्छी चीज यही है कि हम सभी एक-न-एक दिन थक जाते हैं।”
अपनी जिंदगी के बारे में किताब की तरह सोचने से समझ में आता है कि हम रोज कैसी टुच्ची जिंदगी जीने के लिए मरे जा रहे हैं।
गुस्सा जब बढ़ जाता है तो दुनिया को झेलना बड़ा मुश्किल हो जाता है। गुस्सा जब हद से ज्यादा बढ़ जाता है तो अपने-आप को झेलना मुश्किल हो जाता है। कमाल की बात ये है कि हम अपने आप से चाहे जितना गुस्सा हो जाएँ, एक सुबह अपने-आप सब सही हो जाता है।
जिनके पास खोने के लिए कुछ नहीं होता वो फैसले जल्दी ले लिया करते हैं। जिस दिन हमको ये समझ में आता है कि यहाँ हममें से किसी के भी पास जिंदगी के अलावा खोने को कुछ नहीं है, उस दिन हम अपनी जिंदगी का पहला कदम अपनी ओर चलते हैं। बाहर चलते-चलते हम करीब-करीब भूल ही चुके होते हैं कि हमारे अंदर भी एक दुनिया है।
कोई पैसे के पीछे कितना भी भाग ले, पैसा कभी पलट के आपको गले नहीं लगा सकता।
पैसा कमाने में कई बार जिंदगी धीरे-धीरे करके गँवानी पड़ती है।

