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Kindle Notes & Highlights
इत्मीनान से बैठकर अपनी यादों को दोहराने से बड़ा कोई सुख नहीं है।
“हम सब लोग बस अपनी बोरियत मिटाने के लिए जिंदा हैं। जिस दिन बोरियत मिटाते-मिटाते हम थक जाते हैं उस दिन हम मर जाते हैं।
हम सभी की जिंदगी में एक दिन ऐसा आता ही है जब हम रोज सही पते पर पहुँचकर भी भटके हुए होते हैं।
हमारी असली यात्रा उस दिन शुरू होती है जिस दिन हमारा दुनिया की हर चीज से, हर रिश्ते से, भगवान पर से विश्वास उठ जाता है और यात्रा उस दिन खत्म होती है जिस दिन ये सारे विश्वास लौटकर हमें गले लगा लेते हैं। हम सब केवल किसी-न-किसी चीज में विश्वास करना सीखने के लिए पैदा होते हैं। भटकना मंजिल की पहली
‘यदि प्रत्येक व्यक्ति अपनी जीवनी लिखने लगे तो संसार में सुंदर पुस्तकों की कमी न रहे’।
किताबें मजा देती हैं और अच्छी किताबें
कहती
“गुड आइडिया! दिन भर बैठकर बस किताब पढ़ना और चाय पीना, इतना हो जाए तो लाइफ सेट है।
लाइफ को लेकर प्लान बड़े नहीं, सिम्पल होने चाहिए।
गलतियाँ भूल न जाएँ। गलतियाँ सुधारनी जरूर चाहिए लेकिन मिटानी नहीं चाहिए। गलतियाँ वो पगडंडियाँ होती हैं जो बताती
रास्ते केवल वो भटकते हैं जिनको रास्ता पता हो, जिनको रास्ता पता ही नहीं होता उनके भटकने को भटकना नहीं बोला जाता है।
वैसे भी जिंदगी की मंजिल भटकना है कहीं पहुँचना नहीं।