Utkarsh Garg

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“लेकिन तुम मुझे जानते भी नहीं सही से।” “उससे फर्क नहीं पड़ता, तुम मुझे भी तो सही से नहीं जानती। तुम अपने आपको अच्छे से जानती हो न वो काफी है।”
मुसाफिर Cafe
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