जो दिन तेजी से बीत जाते हैं, वो अच्छे होते हैं। अच्छे दिनों में रहते हुए कोई ठहर नहीं पाता और दिन बीतने के बाद के दिनों में वो ठहरना ढूँढ़ता है। जिंदगी असल में बस कुछ-न-कुछ ढूँढ़ते रहने की ही कहानी है। कुछ न मिला तो वो ढूँढ़ना है जो नहीं मिलता। जब वो मिल जाए तो वो कुछ नया ढूँढ़ना शुरू कर देना। जिस दिन हमें पता चल जाता है कि हम सही में क्या ढूँढ़ने आए हैं ठीक उसी दिन जिंदगी हमारी तरफ पहला कदम बढ़ाकर हमें ढूँढ़ना शुरू कर देती है।