Utkarsh Garg

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इस बार मेरी बात काटते हुए सुधा बोली, “दो मिनट के लिए मान लीजिए। हम किसी ऐसी किताब के किरदार हों जो अभी लिखी ही नहीं गई हो तो?” ये सुनकर मैंने चाय के कप से एक लंबी चुस्की ली और कहा, “मजाक अच्छा कर लेती हैं आप!”
मुसाफिर Cafe
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