Utkarsh Garg

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असल में बातें हमेशा अधूरी ही रहती हैं। ऐसा तो कभी होता ही नहीं कि हम बोल पाएँ कि मेरी उससे जिंदगी भर की सारी बातें पूरी हो गईं। हम सभी अपने-अपने हिस्से की अधूरी बातों के साथ ही एक दिन यूँ ही मर जाएँगे।
मुसाफिर Cafe
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