जो लोग प्यार में होते हैं वो अपने साथ एक शहर, एक दुनिया लेकर चलते हैं। वो शहर जो मूवी हॉल की भीड़ के बीच में कॉर्नर सीट पर बसा हुआ होता है, वो शहर जो मेट्रो की सीट पर आस-पास की नजरों को इग्नोर करता हुआ होता है। वो शहर जिसको केवल वो पहचान पाते हैं जिन्होंने कभी अपना शहर ढूँढ़ लिया होता है या फिर जिनका शहर खो चुका होता है। हम सभी ने अपने न जाने कितने शहर खो दिए हैं, इतने शहर जिनको जोड़कर एक नयी दुनिया बन सकती थी।