कहानी लिखने की सबसे बड़ी कीमत लेखक यही चुकाता है कि कहानी लिखते-लिखते एक दिन वो खुद कहानी हो जाता है। पता नहीं इससे पहले किसी ने कहा है या नहीं लेकिन सबकुछ साफ-साफ लिखना लेखक का काम थोड़े न है! थोड़ा बहुत तो पढ़ने वाले को भी किताब पढ़ते हुए साथ में लिखना चाहिए। ऐसा नहीं होता तो हम किताब में अंडरलाइन नहीं करते। किताब की अंडरलाइन अक्सर वो फुल स्टॉप होता है जो लिखने वाले ने पढ़ने वाले के लिए छोड़ दिया होता है। अंडरलाइन करते ही किताब पूरी हो जाती है।