Utkarsh Garg

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“मैं मेहंदी लगवाने जा रही हूँ। हनीमून पे थोड़ा शादी वाला फील भी तो आना चाहिए न!” सुधा जिंदगी में जिंदगी की फील लेने के लिए कुछ भी कर सकती थी, इसी बात से चंदर थोड़ा डरता भी था। सुधा ने न सिर्फ हाथों में बल्कि अपने पैरों में भी मेहंदी लगवाई। लाल रंग की चूड़िया भी खरीदकर लाई। जब वो लौटी तो ठीक वैसी लग रही थी जैसी चंदर को अपने ख्यालों में दिखती थी।
मुसाफिर Cafe
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