Prem Lohana

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एक-आधे मोमेंट को पकड़कर छूने का मौका जिंदगी सबको देती है। चंदर के लिए ये वही एक मोमेंट था। चंदर ने अपनी आँखों से इस पल को फ्रीज करके कहीं रख लिया था। हम यादें कहाँ रखते हैं ये तो खैर किसी को पता नहीं होता। काश! कि हम अपनी यादें समझ पाते। काश! कि हम जिंदगी समझ पाते, काश! कि हम मोमेंट थोड़ा लंबे टाइम तक पकड़ पाते।
मुसाफिर Cafe
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