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कहानियाँ कोई भी झूठ नहीं होतीं। या तो वो हो चुकी होती हैं या वो हो रही होती हैं या फिर वो होने वाली होती हैं।
ये चंदर और सुधा की पहली मुलाकात थी। पहली हर चीज की बात हमेशा कुछ अलग होती है क्यूँकि पहला न हो तो दूसरा नहीं होता, दूसरा न हो तो तीसरा, इसीलिए पहला कदम ही जिंदगी भर रास्ते में मिलने वाली मंजिलें तय कर दिया करता है। पहली बार के बाद हम बस अपने आप को दोहराते हैं और हर बार दोहरने में बस वो पहली बार ढूँढ़ते हैं।
जिंदगी की कोई भी शुरुआत हिचकिचाहट से ही होती है। बहुत थोड़ा-सा घबराना इसीलिए जरूरी होता है क्यूँकि अगर थोड़ी भी घबराहट नहीं है तो या तो वो काम जरूरी नहीं है या फिर वो काम करने लायक ही नहीं है।