'विवाह को मैं सामाजिक समझौता समझता हूँ और उसे तोड़ने का अधिकार न पुरुष को है न स्त्री को। समझौता करने के पहले आप स्वाधीन हैं, समझौता हो जाने के बाद आपके हाथ कट जाते हैं।' 'तो आप तलाक़ के विरोधी हैं, क्यों?' 'पक्का। ''और मुक्त भोग वाला सिद्धांत?' 'वह उनके लिए है, जो विवाह नहीं करना चाहते।' 'अपनी आत्मा का संपूर्ण विकास सभी चाहते हैं;फ़िर विवाह कौन करे और क्यों करे? ' 'इसीलिए कि मुक्ति सभी चाहते हैं; पर ऐसे बहुत कम हैं, जो लोभ से अपना गला छुड़ा सकें।' 'आप श्रेष्ठ किसे समझते हैं, विवाहित जीवन को या अविवाहित जीवन को?' 'समाज की दृष्टि से विवाहित जीवन को, व्यक्ति की दृष्टि से अविवाहित जीवन को।'