होरी ने मुँह का पसीना पोंछकर कहा -- उसी की चिन्ता तो मारे डालती है दादा -- अनाज तो सब-का-सब खलिहान में ही तुल गया। ज़मींदार ने अपना लिया, महाजन ने अपना लिया। मेरे लिए पाँच सेर अनाज बच रहा। यह भूसा तो मैंने रातोंरात ढोकर छिपा दिया था, नहीं तिनका भी न बचता। ज़मींदार तो एक ही हैं; मगर महाजन तीनतीन हैं, सहुआइन अलग, मँगरू अलग और दातादीन पण्डित अलग। किसी का ब्याज भी पूरा न चुका। ज़मींदार के भी आधे रुपए बाक़ी पड़ गये। सहुआइन से फिर रुपए उधार लिये तो काम चला। सब तरह किफ़ायत कर के देख लिया भैया, कुछ नहीं होता। हमारा जनम इसी लिए हुआ है कि अपना रक्त बहायें और बड़ों का घर भरें। मूलका दुगना सूद भर चुका; पर मूल
होरी ने मुँह का पसीना पोंछकर कहा -- उसी की चिन्ता तो मारे डालती है दादा -- अनाज तो सब-का-सब खलिहान में ही तुल गया। ज़मींदार ने अपना लिया, महाजन ने अपना लिया। मेरे लिए पाँच सेर अनाज बच रहा। यह भूसा तो मैंने रातोंरात ढोकर छिपा दिया था, नहीं तिनका भी न बचता। ज़मींदार तो एक ही हैं; मगर महाजन तीनतीन हैं, सहुआइन अलग, मँगरू अलग और दातादीन पण्डित अलग। किसी का ब्याज भी पूरा न चुका। ज़मींदार के भी आधे रुपए बाक़ी पड़ गये। सहुआइन से फिर रुपए उधार लिये तो काम चला। सब तरह किफ़ायत कर के देख लिया भैया, कुछ नहीं होता। हमारा जनम इसी लिए हुआ है कि अपना रक्त बहायें और बड़ों का घर भरें। मूलका दुगना सूद भर चुका; पर मूल ज्यों-का-त्यों सिर पर सवार है। लोग कहते हैं, सर्दी-गर्मी में, तीरथ-बरत में हाथ बाँधकर ख़रच करो। मुदा रास्ता कोई नहीं दिखाता। राय साहब ने बेटे के ब्याह में बीस हज़ार जुटा दिये। उनसे कोई कुछ नहीं कहता। मँगरू ने अपने बाप के क्रिया-करम में पाँच हज़ार लगाये। उनसे कोई कुछ नहीं पूछता। वैसा ही मरजाद तो सबका है। भोला ने करुण भाव से कहा -- बड़े आदमियों की बराबरी तुम कैसे कर सकते हो भाई? 'आदमी तो हम भी हैं। 'कौन कहता है कि हम तुम आदमी हैं। हममें आदमियत कहाँ? आदमी वह हैं, जिनके पास धन है, अख़्तियार है, इलम है, हम लोग तो बैल हैं और जुतने के लिए पैदा हुए हैं। उसपर एक दूसरे को देख नहीं सकता। एका का नाम नहीं। एक किसान दूसरे के खेत पर न चढ़े तो कोई जाफ़ा कैसे करे, प्रेम तो संसार से उठ गया।’ बूढ़ों के लिए अतीत के सुखों और वर्तमान के दुःखों और भविष्य के सर्वनाश से ज़्यादा मनोरंजक और कोई प्रसंग नहीं होता। दोनों मित्र अपने-अपने दुखड़े रोते रहे। भोला ने अपने बेटों के करतूत सुनाये, होरी ने अपने भाइयों का रोना रोया और...
...more
This highlight has been truncated due to consecutive passage length restrictions.
State of farmers unfortunately hasnt changed much!
#MunshiPremChand
#Godan